Label

darkness prevailsप्यारा अ़धेरा

चढ़ते सूरज को मत कर सलाम, ढूब जाएगा,

गुमां है आज, कल यकीं में बदल जाएगा।

अब जो दिखता है,गैर का हो जाएगा,

रफ्ता-रफ्ता अंधेरा उजाले को निगल जाएगा।

उजाला क्या इक ख्वाब सुनहरा है,

उजाले में ऊंचा-नीचा, काला-गोरा फर्क कितना है।

अंधेरे की अपनी ही रिवायत, रस्म है,

हर  सूरत एक सी हमशक्ल है। 

आंखों की तमन्ना नही हमको,सबर है करार है,

लकीरें, झगड़े, दीवारें उजालों पर ही निसार हैं।

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

1 Comments:

  1. ऐ अंधेरे तेरी ही रहमत से,
    है ख़ैरियत कई बेज़ारों की।
    -भारती पंत।

    जवाब देंहटाएं

ताजातरीन

Symblolism प्रतीकात्मकता

 सारी दुनियाँ को उंगलियों पर नचा रहे हैं हम सब प्रतीकों में सिमटते जा रहे हैं। जितने भी जीवन में प्रश्न हैं व्यवधान हैं हर एक समस्या का च...