आंखें सदा ही ठगी जाती हैं। जंग दिल और दिमाग बीच लड़ी जाती हैं।
रस्सी सांप बन जाता है, दिमाग मात खा जाता है। चिलमन खिड़की पे जो लहराता है।
- महबूब दिल को उसमें नजर आता है। आंखें तस्वीरें खीचती है, उन्हें भीतर को भेजती है।
कुछ दिमाग से टकराती हैं, कुछ दिल को मिल जाती हैं। दिल दिमाग से लड़ता है,
कभी दिल कभी दिमाग जीतता है। आंखे मशवरा भी करती हैं, आंखें तफसरा भी करती हैं।
आंखों से अभिवादन है, इनसे रसास्वादन है। आंखे हंसाती हैं आंखें रुलातीं हैं। आंखें मिलाती हैं,
दूरी बनाती है। आंखें हैं तो जन्नत है, जहाँ का दिल से कनेक्शन है। आंखें मिल जाती हैं, दो से चार हो जाती हैं। आंखें रूठ जाती हैं, डोर टूट जाती है। आंखों को इंतजार है, आंखें बेकरार हैं।
आंखों से हया है, आंखों से दया है। आंखें फूट जाती हैं, किस्मत रूठ जाती है। अंधे को आंख चाहिए, दो हाथों का साथ चाहिए। आंखें सुर्ख होती हैं, आंखें खुद को भिगोती है। आंखो का काम दिखाना है, आंखों से ही जमाना है। आंखों का ईस्तेमाल किया जाता है, बकरा कोई हलाल किया जाता है। कोई आंखें तरेरता है, आंखों से ही कोई उड़ेलता है। आंखें छलक आती हैं, आंखें फफक
जाती हैं। आंखें रुंध जाती है, आंखें मुंद जाती हैं। आंखें बोलती है, आंखें तौलती हैं। आंखे लड़ती हैं, आंखे लड़ाती हैं। आंखें लड़ जाती हैं, आंखे लड़ आती हैं। आंखें भूख हैं, आंखें प्यास हैं।
आंखें सूख जाती हैं। झुक क्या गई आंखे,दुनिया रुक गई। आंखों की नजर भी है, आंखों का असर भी है। एक आंख दिमाग की, एक आंख जसबात की।
किसी की आंखों का सुरमा बन जाना ,किसी की आंख का काजल न चुराना।
परदा रख आंखों पे, परदा न डाल
चिलमन रख खिड़की, छुपकर न झांक।
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