Label

Hollow vessels छिपे हुए लोग

आज मै कुछ लिखने से पहले श्रध्देय चाचा जी को याद करना चाहता हूँ जिनका मुझे
सानिध्य मिला। आज भी नब्बे के करीब बच्चों सा उत्साह है उनमें। दर्शन की समझिये
पूरी खान हैं, लेकिन मेरा ये जो बेवकूफी भरा दर्शन है उसके लिए वे कदापि
जिम्मेदार नहीं हैं।

खोखले लोग खोखली बातें, खुदा की नियामतें हैं,
खोखली चीजों में ही तो हम ठौर पाते हैं।
सोचिए खोखलापन अगर न होता,
समस्त चराचर जगत कहां भरता।
अपनी दिनचर्या को जरा देखिये,
अपना चश्मा निकाल लीजिये।
जिसने इसे सम्हाले रखा है,
अपने को पूरा खाली रखा है।
आपको प्यास लगी हुई है,
गिलास पूरी भरी रखी है।
अपनी प्यास बुझा लीजिए,
मुझे बस इतना समझा दीजिए।
क्या ऐसा संभव हो पाता,
गिलास यदि ठोस हो जाता।
इसी तरह कुछ लोग भी खोखले होते हैं,
वास्तव में वे अहम को निकाले होते हैं।
आवाज़ कुछ अधिक




करते हैं
कुछ ज्यादा ही बातें करते हैं।
ठीक उसी प्रकार जैसे कोई बर्तन खाली हो,
डिब्बा, गगरा, गिलास या बालटी हो।
क्या खाली बर्तनों से हम नफरत करते हैं?
नहीं पात्रानुकूल उसमें सामान  भरते हैं।
खोखली चीजों में बड़ी खूबी होती है,
वे सब पूरी हवा से भरी होती हैं।
बस आफ पर निर्भर करता है
मुझे तो बड़ा अच्छा लगता है।
इसमें बस इतना करना पड़ता है,
पात्र को जल में डुबोना पड़ता है।
कुछ देर में उसकी हवा निकल जाएगी,
इच्छित वस्तु खुद ब खुद भर जाएगी।
इसी प्रकार वे निरीह बंदे हैं,
जो भ्रम में पड़कर हुएअंधे हैं।
इनके पास विचार नहीं है जिसे भर सकें,
किसी दृष्टिकोण से चीजों को अनुभव कर सके।
इस चुनौती को आप भी उठाइये,
ऐसे लोगों के जरा पास जाइये।
एक प्रयास करिए, निरंतर लगे रहिए,
समझाते रहिए, कुछ भरते रहिए।
जिस दिन उसका खालीपन भर जाएगा,
वो भी एक भरा-पूरा जीवन जी पाएगा।
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

ताजातरीन

Symblolism प्रतीकात्मकता

 सारी दुनियाँ को उंगलियों पर नचा रहे हैं हम सब प्रतीकों में सिमटते जा रहे हैं। जितने भी जीवन में प्रश्न हैं व्यवधान हैं हर एक समस्या का च...