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Alexander's defeatलो मुई फिर से आ गयी

आई केम आई साॉ आई कॉंकर्ड,(I came i saw i conquered),

बस खत्म हो गया सिकंदर। 

काश ऐसा कभी हो जाता,

मैं भी सिकंदर से मिल पाता।

 तो कहता उससे कि एक काम करके दिखा, 

जीता है तूने जग कभी खांसी को हरा कर दिखा। 

तेरी सेना तेरा कुनबा सब लड़ते रह जाएंगें,

 दिखा ले कूवतें कितनी खांसी से न जीत पाएंगें।

खांसी चीज ही ऐसी है,कोई भी जीत न पाया, 

भेद न किया कोई इसने सबको ही रुलाया। 

खांसी अमीरों के लिए प्रदूषण, 

गरीबों का है ये आभूषण। 

कुपोषित,निरीह दिन रात खांसता है, 

खजाना अपना सारे लोगों में बांटता है। 

खांसी एक बार जो लग जाती है, 

कितना भी करिये यत्न, प्रयत्न,

 अपनी मर्जी से ही जाती है। 

हकीम,वैध, डाक्टर कोई काम नहीं आते हैं, 

नुस्खे,टोटके, मन्नत सब बेकार जाते हैं।

 सब चले जाते हैं, खांसी नहीं जाती, 

चाहकर दिल से कभी जालिम नहीं आती।

 खांसी के बड़े रूप प्रकार हैं, 

कहीं हथियार कहीं व्यवहार हैं। 

कोई डरपोक जो पिद्दी से भी डर जाता है,

 खांसकर,खंगारकर लोगों को डराता है।

 बहू और ससुर के बीच का जो नाता है,

 खांसी ने अपने दम पे बखूबी सजाया है।

लोग जब किसी बात को कभी छुपा लेते हैं, 

बात शुरू भी न हुई पहले ही खांस लेते हैं। 

खांसी कयी रूप, प्रकार, आकार की होती है, 

प्रयास,कोशिश जो कहो सब बेकार होती हैं।

 सूखी खांसी जब कभी आ जाती है, 

खांस खांसकर जान सूख जाती है। 

बलगम वाली के अलग गुण होते हैं, 

दिन-रात हम बाहर ही भगते रहते हैं। 

इसकी एक दूर की बहन भी है, 

जुदा इससे उसका गढ़न ठीक है।

 झींक आगन्तुक है, अतिथि की तरह आती है,

 पर जब भी जाती है मन हलका कर जाती है। 

अब नीरस बातें बहुत हो गयी, 

भैंसें भी थककर सो गयीं। 

अब कुछ नये खयाल सजाते हैं, 

खयालों को कुछ पंख लगाते हैं। 

कितना अच्छा होता खांसी कहीं और से निकलती, 

गले को भी आराम, साथ में कुछ हवा भी निकलती। 

खों-खों की आवाज़ पों-पों में बदल जाती, 

हर खांसी नये सरगम नये सुर लगाती। 

लोग रोते रहते आप हंसते रहते, 

होठों से ही लोग सांस भरते रहते। 

होंठ खुलते तो कुछ आवाज़ भी निकलती, 

लोगों के बीच कुछ बातें तो चलतीं। 

वरना अब हम बातें कहां करते हैं, 

खुद मे ही जीते हैं,खुद में ही मरते हैं। 

मरना ही है हसरत तो कुछ यों करिये,

अपनी खांसी से किसी को हंसाकर मरिये।


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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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