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My E-goमन की बकवास

मैं बड़ा अहंकार करता हूँ,

कारण,मैं इससे बड़ा डरता हूँ।

 जाने किस घड़ी मन में प्रवेश कर जाय,

 हर ले सुख,शान्ति प्रकृति कहीं खो जाय। 

शाश्वत सत्य है दर्शन का विज्ञान कहता है, 

भरा हुआ पात्र और नहीं सहता है।

 जितना उसमें डालोगे वो छलक जाएगा, 

जितनी है जगह उतना ही तो भर पाएगा। 

इसलिये मैनें ये अपना दर्शन बना लिया, 

अहंकार का अहंकार ही मन में बसा लिया।

 अब निरंतर यही सोचता रहता हूँ, 

मैं कितना अहंकार कर सकता हूँ। 

ऐसा करने के कितने लाभ होते हैं,

 एक तीर हैं कयी शिकार होते हैं। 

जो अहंकार मेरे अंदर घुस गया है,

जो अहंकार खुद मैंने पैदा किया है। 

उनमें लगातार द्वन्द चलता है,

 द्वन्द का घर्षण ऊर्जा पैदा करता है।

 वो ऊर्जा मेरे काम आती है,

 मेरी दृष्टि कुछ साफ़ हो जाती है।

 ऐसी और भी कुछ नेमतें मालिक न अता की हैं,

माटी के हम पुतले हमने क्या खता की हैं। 

जिसने हमें बनाया वही तो चला रहा है,

 उसकी मर्जी जैसे जिस राह ले जा रहा है। 

यदि ऐसा भाव कभी मन, बुध्दि, चित्त में जग जाय,

 संभव है मानव कुछ तो अपने करीब पहुंच जाय।

 व्यक्ति को भी एक मशीन सरीखा देखा जाय, 

उसके ह्रदय चित्त का निरीक्षण किया जाय। 

जिस प्रकार रुकी मशीन फिर चल जाती है,

 रात कैसी भी हो बीत ही जाती है। 

जरूरत है किसी सुधारक की, 

प्रेमी की किसी धर्म प्रचारक की।

 जो यह भावना मन में भर दे, 

जीना जीवन आसान कर दे।

 दुख है अगर जीवन में निवारण भी हैं, 

फल है अन्त कर्म मध्य पहला कारण है।  

मध्य यदि सर्वप्रथम हो जाय,

 प्रथम की भावना मन से दूर हो जाय।

 फिर कारण क्या कर लेगा, 

कर्म में जिएगा फल में मरेगा।

 कारण ने अनगिनत दुख दिये हैं, 

झगड़े,द्वेष कितने ही मत दिये हैं। 

हमें कारण को हराना होगा, 

कर्म को जीवन में सजाना होगा। 

कर्म ही हमारा ध्येय हो,

कर्म ही हमारा ध्यान। 

फल की हो न लालसा हो जाये कल्याण।।



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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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