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दिमाग का कचरा


 कबाड़ी हूँ मैं कबाड़ ही मेरा संसार है,

इसमें ही रहता हूँ यही मेरा पेशा घर बार है।
कितने ही उजले-सफेद चेहरे,
साफ सुधरे नकाब लगाये चेहरे।
चुपचाप अंधेरी रात,
पास मेरे आते हैं।
उखड़ी हुइ कोई खिड़की दरवाजा पलंग,
औने-पौने दाम लगाकर ले जाते हैं।
फिर रंग चढ़ा देते हैं अपनी हैसियत उसमें,
छिपा लेते हैं पूरी अपनी कैफियत जिसमें।
मेरा काम कबाड़ खरीदना खरीदता हूँ,
इसी काम में मरता हूँ इसी में जीता हूँ।
मैं अकेला नहीं एक जो ऐसा काम करता हूँ,
और भी हैं ऊंचे जिनसे मैं भी डरा करता हूँ।
मेरा जैसा ही काम खरीदते और बेचते हैं,
ये और बात है हैसियत मेंं ऊंचे हैं।
बड़ी-बड़ी mnc's इस काम मेंं आ रही,
सेकंड हैंड गाड़ी,टीवी,फ्रिज वापस मंगा रही।
खराबी ठीक कर रंग पोत देती हैं,
औने-पौने खरीदी ऊंचे भाव बेच देती हैं।
मैं इतनी बेईमानी तो नहीं करता,
इंसान हूँ खुदा के इंसाफ से डरता हूँ।
बड़ा बदलाव आ गया अब धंधे मेंं सोच मे,
किसे जाने खरीद ले आदमी किसको बेच दे।
पहले कचरा सामान की कीमत खरीदता है,
फिर सामान को कचरे के भाव बेचता है।
समझ को कैसी घुन लग गई उसके जाने,
कबाड़ खरीदने की ऐसी धुन लग गई जाने।
कुछ दिनों बाद दिमाग भी कबाड़ हो जाएगा,
हर आदमी भी किसी कबाड़ी के हाथों बिक जाएगा।
सलाहियतें छिपकर शिकार करती हैं,
दिखती फूलों सी खंजर सा वार करती हैं।
कराती हैं फराहम सहूलियतें सौ जिंदगी को,
रुलाती हैं उम्रभर दिल जिगर बीमार करती हैं।








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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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