सारी दुनियाँ को उंगलियों पर नचा रहे हैं हम सब प्रतीकों में सिमटते जा रहे हैं। जितने भी जीवन में प्रश्न हैं व्यवधान हैं हर एक समस्या का च...
दुविधा illusionहे राम तनिक और ठहर जाते, कुछ तो यत्न करते जानकी को समझाते।
हे राम तनिक और ठहर जाते, कुछ तो प्रयत्न करते जानकी को समझाते। मानव की किसी निरीह पर आसक्ति कैसी, प्रमाणित तथ्यों को कहने में आपत्ति कैसी। ...
शोले sholey blogger by chance.com
गब्बर सिंह की अकड. फिल्में यूं तो भारत मे बहुत सी आई, शोले जैसी धूम मगर किसी ने न मचाई। हर एक शख्स इस फिल्म का दिवाना था, बच्चे-बच्चे के ...
Panacea
हर किसी को हर खुशी नसीब नहीं माना, तुम मिल जाओ तो मेरा हर गम मिट जाए। ----------------------------------------------- तुमसे ही मर्ज मेरा दव...
Impeachment राजनैतिक चश्मा
सियासत की यही पहचान होती है, लिखावट शालीन जुबां तलवार होती है। सियासत को कभी हंसी नहीं आती, मुस्कुराहट वाली कोई बात नहीं भाती। सदा फंसी रहत...
ठहरा पल
मैं ठहरा हुआ हूँ फिर भी सब चल रहा है, ये पल पल मे कैसा मंजर बदल रहा है। सब हाथों मे है मगर कुछ मिलता नहीं, सब ठहरा सा है फिर भी कुछ रुकता न...
दिमाग का कचरा
कबाड़ी हूँ मैं कबाड़ ही मेरा संसार है, इसमें ही रहता हूँ यही मेरा पेशा घर बार है। कितने ही उजले-सफेद चेहरे, साफ सुधरे नकाब लगाये चेहरे। चुपचा...
20/20
अपने ही शहर में सब अजनबी से लगने लगे, दुनियां में भटकते थे कभी कमरों में सिमटने लगे।
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Symblolism प्रतीकात्मकता
सारी दुनियाँ को उंगलियों पर नचा रहे हैं हम सब प्रतीकों में सिमटते जा रहे हैं। जितने भी जीवन में प्रश्न हैं व्यवधान हैं हर एक समस्या का च...